किडनी या गुर्दे की बीमारी

किडनी या गुर्दे की बीमारी को ‘साइलेन्ट किलर’ भी कहा जाता है। क्योंकि प्रथम अवस्था में कभी भी इसका पता नहीं चलता है।किडनी शरीर का एक ऐसा अंग होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर मूत्र के रूप में निकालने में मदद करता है। इसमें खराबी मतलब पूरे शरीर के कार्य में बाधा उत्पन्न होना,  इसलिए किडनी को स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी होता है। लेकिन आज के आधुनिक युग की जीवनशैली के कारण किडनी की बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है। इससे बचने के लिए सबसे पहले ज़रूरी है किडनी के शुरूआती लक्षणों के बारे में जानना- मूत्र की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती हैमूत्र का रंग गाढ़ा हो जाता हैबार-बार मूत्र होने का एहसास होता है मगर करने पर नहीं होता हैरात को मूत्र की मात्रा या तो कम हो जाती है या कममूत्र का त्याग करने के वक्त दर्द होनामूत्र में रक्त का आनाझाग (foam) जैसा मूत्रपैर, हाथ और चेहरे में सूजन  आदि । यह तो किडनी के बीमारी के आम लक्षण हैं जिसका थोड़ा भी एहसास होने पर तुरन्त इसकी जाँच करवायें। और चिकित्सक के सलाह के अनुसार इलाज करना शुरू करें नहीं तो समय के साथ स्थिति खराब होती जाती है। Dr. Hemant Srivastav ने कहा कि किडनी की बीमारी का इलाज करने के लिए होम्योपैथी में दवाओं का भंडार है। बस जरूरत है इसके नियमित रूप से सेवन करने की आवश्यकता है! होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में गुर्दे के लिए कई प्रभावशाली दवाएं उपलब्ध  हैं जो गुर्दे की हो रही क्षति को स्थिर कर सकती हैं तथा  गुर्दे की कार्य क्षमता भी बढ़ा  सकती हैं  जबकि अन्य चिकित्सा पद्धतियों में रोगी को जो भी दवाएं दी जाती है उसमे कुछ न कुछ विषाक्तता होती है जिसे गुर्दे को ही छानकर शरीर से बाहर निकलना होता है परन्तु स्वम गुर्दे के रोग ग्रस्त होने पर यह उसपर एक अवांछित बोझ है !     होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में गुर्दे के इलाज  के लिए दी जाने वाली औषधियों में दवा की मात्रा अत्याधिक सूक्ष्म होती है अतः गुर्दे को कोई क्षति नहीं पहुचती ! किसी होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श कर चिकित्सा ली जाये तथा चिकित्सक के निर्देशानुसार खान-पान में परहेज किया जाये तो तो इस रोग में आशातीत परिणाम मिल सकता है !रोगी डायलिसिस एवं गुर्दा प्रत्यारोपण जैसी पीड़ादायक स्थिति से बच सकता है ! सफल और पूर्णतया समाधान के लिए आज ही संपर्क करें प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक डा़ हेमंत श्रीवास्तव से!