गर्भाशय या बच्चेदानी (यूटरस) में गांठ में होमयोपैथ उपयोगी:-डा. हेमंत श्रीवास्तव

गर्भाशय या बच्चेदानी (यूटरस) में गांठ होने पर बड़े चीरे का ऑपरेशन कर इसे निकालना पड़ता था, लेकिन होमयोपैथ से अब ऐसी गांठों को कहीं ज्यादा अच्छी तरह से ठीक किया जा सकता है। महिलाओं में गर्भाशय में गांठ का होना एक जटिल समस्या है। इन गांठों को फाइब्राइड या रसौली भी कहा जाता है। आंकड़ों के अनुसार एशिया की महिलाओं में यह समस्या सर्वाधिक पाई जाती है, लेकिन इनके कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। यह गांठ (फाइब्राइड) गर्भाशय में जिस जगह पर होती है, उसी के अनुसार इसके लक्षण होते हैं। लक्षण - अनियमित माहवारी और दर्द होना। - गर्भधारण न कर पाना। - बार-बार गर्भपात होना। - अत्यधिक रक्तस्राव होने से शरीर में खून की कमी होना। प्रारंभिक अवस्था में दवाओं द्वारा फाइब्राइड के लक्षणों व जटिलताओं को कम किया जा सकता है, होमियोपैथी दवा द्वारा इसका पूर्ण इलाज संभव है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर हेमंत से परामर्श लें !