शराब के लत को होम्योपैथी से दूर करें

किसी मादक पदार्थ का नियतकालीन एवं दीर्घस्थायी सेवन जो कि किसी व्यक्ति विशेष अथवा समाज के लिए घातक हो, अवरोधक हो, उसे ही नशाखोरी कहना समीचीन है। बुरे लोगों की संगति में रहना, घर-परिवार-समाज से बिलकुल कट जाने की भावना भी व्यक्ति को नशे के शिकंजे में कस सकती है। नशा छुड़ाने की प्रक्रिया में रोगी को मादक पदार्थ प्राप्त नहीं होने से भूख लगती रहती है , हर वक्त सोता रहता है, पसीना बहुत आता है, हाथ-पैरों में ऐंठन होने लगती है ,कमजोरी, चिड़चिड़ाहट, बेचैनी, ऐंठन एवं मतिभ्रम पहले कुछ दिन महसूस होता है। मरीज ‘खूंखार’ हो जाता है, जम्हाई आना, नाक से पानी बहना, पसीना आना, आंखों से पानी आना, नींद न आना प्रमुख लक्षण हैं। पुतली का फैल जाना, ऐंठन अन्य लक्षण हैं। मरीज पीठ और पेट में दर्द की शिकायत करता है और सर्दी-गर्मी के झटके महसूस होते हैं। कुछ समय के लिए बेचैनी, उल्टी-दस्त आदि के लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर का तापमान, सांस एवं पसीना बढ़ जाते हैं, किंतु 10 -15 दिन के भीतर लक्षण धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं। नींद न आना, बेचैनी, कमजोरी कुछ समय बनी रह सकती है। होमियोपैथिक दवाओं से मात्र 15 से 20 दिनों के अन्दर ही सारी परेशानियों पर काबू पा लिया जाता है। औषधियों का सेवन 30 शक्ति से शुरू करें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर हेमंत श्रीवास्तव से संपर्क करें!

top homeopathy doctor in maharajganj
best homeopathy doctor in maharajagj
famous homeopathy doctor in maharajaganj
Top homeopathy Doctor